College Days ...
रहें बदल चुकी हैं दिशाएं हैं अब अलग, जो सोचा था कभी, वो कहाँ है सब? चाहा था जो हम ने, चाहत के साथ गँवाया, रहती नही कभी एक सी ये ज़िंदगी, बदले क्यों ना हम भी अब? बदल चुका है सब मगर नही बदला ये सच, देखना है ज़िदगी को 'नयी दिशा से मुझे अब There is more to writting what I have been writting. This space is meant for anything I appreciate ... just anything